Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

स्व. श्री कन्हैयालाल जी हत्याकांड का मामला उठाए जाने और गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा कोई जवाब न दिए जाने से संबंधित प्रश्न के उत्तर में :

दिनांक
18/07/2025
स्थान
जयपुर


वही तो इनकी फितरत है, बीजेपी में और कांग्रेस में यही फर्क है, अगर उनकी जगह कांग्रेस का गृह मंत्री होता तो वो अपनी ड्यूटी समझता कि भई जनता के प्रति मेरी ड्यूटी है अगर विपक्ष में कोई आवाज उठी है, पूर्व मुख्यमंत्री के वक्त में यह घटना हुई थी और तीन साल हो गए हैं मर्डर जिस प्रकार से हुआ कन्हैयालाल का, पूरे देश में ऐसा आक्रोश फैल गया, वो तो है हमनें विश्वास दिलाया परिवार को, पब्लिक को, दंगे नहीं भड़के,वो किस्सा ऐसा था दंगे भड़क सकते थे रोकना मुश्किल हो जाता सरकार के सामने, ये सब बीजेपी वाले भाग गए थे हैदराबाद नेता लोग उस वक्त में, इस घटना के बाद में भाग गए आज घटना हो गई, रात को जा रहे हैं कल जा रहे हैं हैदराबाद वो लोग थे इसलिए ये घटना तीन साल के बाद में एनआईए और वो तो अमित शाह जी को तो जवाब देना ही चाहिए था, गृह मंत्री हैं , गृह मंत्री के अंडर में आती है एनआईए वो उसका जवाब नहीं देते तीन साल हो गए, कोई बयान नहीं हो रहे हैं, कोई आपका एनआईए के कोर्ट का कोई जज हमेशा छुट्टी पर रहते हैं या खाली रहती है जगह, खाली जगह रहती है बयान हो नहीं पा रहे हैं, सजा हुई नहीं है और ये जो मारने वाले थे ये बीजेपी संबंधित थे, मेरा आरोप इनके ऊपर ये है आप ने जानबूझकर कांग्रेस को बदनाम करने के लिए तो आपने चुनाव में कैंपेन कर दिया पांच लाख बनाम पचास लाख, झूठा कैंपेन किया, पचास लाख तो इनको मिले थे कन्हैयालाल जी को, कन्हैयालाल के परिवार को मिले थे और झूठा बदनाम हमें किया, अब आप चुप हैं क्योंकि दोनों जो मुलजिम थे दोनों का संबंध बीजेपी से था मैं बार बार कई बार कह चुका हूं, हो सकता है जानबूझकर के इसलिए ये सवाल उठेगा बीजेपी के इनके अभियुक्तों का आरोपियों का इसलिए आप उसको तफ्तीश नहीं करवा रहे हो, इसका फायदा कैसे उठाएं चुनाव के अंदर उसका इंतजार किया गया, अब तो चुनाव भी निकल गए हैं डेढ़ साल हो गया उसको चुनाव निकले हुए अब क्या दिक्कत आ गई ? आप को कल कहना चाहिए था कि इसमें तफ्तीश हो रही है या कहीं न कहीं कमी रही है या नहीं रही है या अब एक्शन करेंगे कोई यदि लापरवाह रहा है कहीं लापरवाही हुई है तो हम कार्रवाई करेंगे कुछ तो कहते अमित शाह जी।

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