Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

जयपुर आवास पर महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता-

दिनांक
23/09/2025
स्थान
जयपुर


एक तो मैं अभी मैं जाके आया हूँ उदयपुर, डुंगरपुर, चित्तौड़, भीलवाडा और वहाँ से अजमेर के जाके आ गया वहाँ पे अजमेर होते हुए।तो मुझे सब जगह जो हालात नजर आए हैं, एक तो मैं उसपे आपको भी ब्रीफ करूंगा और मुख्य मुझे आज बुलाने का मकसद दो है। एक जो कपाशन में जो घटना हुई है वो एक अलग तरह की घटना है, अलग तरह की घटना है जहाँ पर जो एक सूरज माली करके है उनको जो वहाँ के बजरी माफियाओं ने पीटा है बिना कोई कारण के सोशल मीडिया पे खाली वहाँ के स्थानीय MLA ने वादा किया पानी लाने का तालाब है उनको याद दिलाया खाली दो बार। तो वो या उनके परिवार के लोग। वो खुद तो मेरा नाम नहीं आया और कहते है की परिवार में कुछ लोग ऐसे थे जिन्होंने, भीलवाड़ा के लोग आये बजरी माफिया केवल दोनों पैरों में 25 फेकचर कर दिए अब वो जो है उसको उदयपुर ले गए हैं, अहमदाबाद ले गए हैं।

अभी मैंने डॉक्टर से बात करी, डॉक्टर से बात की मैंने और अहमदाबाद के अंदर बाकी तो मैंने बात की है डी जी पुलिस से एसपी से कलेक्टर से सबसे बात करी भाई आपने कोई एक्शॅन नहीं किया, कोई एक्शॅन नहीं। इतनी बड़ी घटना हुई। लोकल थानेदार में पूरी कोई एक्शॅन नहीं है, इलाज का कोई पता ही नहीं।

अरे ऐसे मौके पर कम से कम ये अनाउंस करते हैं कि हम इलाज फ्री करवाएंगे छ महीने तक कोई पैसा देते गरीब परिवारों है, रोने लग गए उनकी पत्नी और बहिन वगैरह आए थे तो कहने का मतलब ऐसी ऐसी घटनाएं हो जाए वो कुछ नहीं हो, कुछ भी नहीं हो एक्शॅन भी नहीं सरकार की तरफ से

बाकी तो रेप की घटनाएं तो इतनी मैंने सुनी वहाँ पर कोई तो कहते हुए शर्म आती है दो महीने के बच्चे को रेप हो गया बाप ने कर दिया, वो अलग घटना है उसको तो ये अलग ढंग से देखते हैं कि ये क्या हो रहा है? समाज के अंदर और बाकी 9 साल का 15 साल का 12 साल के बच्चियों के लोग इतने रेप हो रहे हैं, जगह जगह और कोई सब पकड़े नहीं जा रहे हैं।

मैं जाके आए उदयपुर के अंदर, अस्पताल में मिलके आए बच्ची से उनका रेप हुआ बांसवाड़ा के अंदर उनकी भी शिकायत तो कोई कार्रवाई तो हो जैसे भय पैदा हो तो बाकी जगह नहीं रेप होए अगर आप इक्बाल कायम कर दे। सरकार अपना खुद का और पुलिस प्रसासन का तो घटनाएं रुक सकती है। देखिए घटना तो हर सरकार में होती होगी, होती भी है, सब हम जानते हैं पर सरकार का अगर इक्बाल हो पुलिस का डर भय हो तो फिर फर्क पड़ता है लोगों के अंदर भाई पता नहीं हमारा क्या होगा?

बजरी माफिया को खुली छूट है रेप की घटनाएं अपने आप बढ़ती जा रही है, तो कहने का मतलब ये कोई क्राइम तो बढ़ते ही जा रहा है।

डकैती जयपुर में कैस आ रहे है डकैती हो जाती है यहाँ पर दुकानदारों के यहाँ पर तो चरों और जो है हाहाकार मच गया है और पांच जिले में रह कर आया हूँ। उसके बाद अजमेर में गया था। 4 दिन पहले इसलिए मैं नसीरबाद होके आ गया अजमेर प्रोपर में नहीं गया मैं पर पांच जिले करीब करीब देखे है। सब जगह मीडिया वाले मिल गए थे। नसीराबाद में आगये वहां से सब जगह ये स्थिति ऐसी बन रही है कि लोग जाए किसके पास में सरकार नाम कोई चीज़ नहीं है।ये आम बातों की सरकार नाम की चीज़ नहीं है।

ये इस प्रकार से मैं बातें सुन के आया हूँ सब जगह तो मैंने मेरा फर्ज समझा कि क्योंकि मैं कैन्हयालाल जी परिवार से मिलके आया था, वो घटना भी मैं आपसे शेयर करूँगा। बाकी तो किसानों की फसलें तबाह हो रही है। वर्षा ज्यादा हो गई। सड़कें टूटी फूटी पड़ी है सब जगह आज जाके आया में कालवाड़ की तरफ, मैंने देखा होगा ट्वीट मैंने किया है
अभी मैं गया पांच सात दिन पहले मुख्यमंत्री के इलाके के अन्दर क्या दुर्गति सड़कों की है कोई रिपेर का क्या अरे टेम्परेरी रिपेयर भी नहीं हो रही है, टेम्परेरी रिपेयर भी कर दो कम से कम आवागमन हो जाए लोगों ने रोका मुझे रास्ते में कहा था कम से कम 15 मिनट में आने में दो ढ़ाई घंटा लग रहा है, ट्राफिक जाम हो जाता है, तो चारों ओर जो है सरकार वो खोती जा रही है अपनी पकड़ इसलिए आने की आपकी, पेमेंट नही हो रहा जो दूध वालों को ₹5 देते थे हम प्रति लीटर नौ महीने हो गए, वो तो बोली थी पिछली बार का मुआवजा बाकि है फसलों का वो भी नहीं मिल पा रहा है।
नरेगा ने मज़दूरों की संख्या कम कर दी और ऊपर से मज़दूरों को पेमेंट नहीं होता है। लंबे अरसे छ-छ महीने वो तो गरीब लोग है तो बिजली कनेक्शन नहीं हो रहे। सब बाते एक साथ सामान्य आदमी की बाकी जो टीचर्स नहीं है, ये तो शिकायत आम होती रहती है हमेशा, डॉक्टर ने ही वहाँ पर चिरंजीवी योजना को कमजोर कर दिया और मैं सभी जगह पूछता हूँ कल मैंने पूछा भीलवाड़ा के अंदर 50 पत्रकार मित्र बैठे होंगे, मैंने की बताओ? बीमा 5,00,000 का है कि 25,00,000 का है, जब 5,00,000 का है। अब आप बताइए आपको मैंने पूछा था पिछली बार, बीमा 25,00,000 का आज भी है?
आम जनता में मैसेजचला गया कि आयुष्मान भारत लगा दिया और 5,00,000 का बीमा हो गया। वो ऐसा माहौल बन गया और जो फायदा जो मिलना चाहिए पहले था। भय था लोगों के अन्दर हमारी मॉनीटरिंग थी। सब समाप्त हो गयी है। इस कारण लोग क्या उनको निकाल देते है? दवाइयों का पैसे खर्च कराते है, दवाइयाँ है नहीं, हमारे पास मंगा देते है बाजार से मांगा लेते है। इस प्रकार से दवाइयां नहीं है। उनका लाइन लगती लंबी टेस्ट के लिए भी क्योंकि जब प्राइवेट सेक्टर वाले अगर RGHS बंद कर दिया है बंद कर दिया है तो भीड़ और बढ़ने लग गयी सरकारी अस्पताल के अंदर ये अलग से इशू बन गया राजस्थान के अन्दर चारो और चारो बोलिए इसलिए मैंने कहा कि मैं कम से कम आप लोगों को मैं आगे शेयर करूँ कि मैं किस प्रकार देखा है,

अब मैं आता हूँ आपके उसमें कैन्हयालाल वाले मामले में कैन्हयालाल वाला मामला बड़ा संगीन मामला है। आपको मैंने बुलवाने का मकसद मेरे वो भी था के देखिये पिछली बार याद होगा आपको की मैंने आपको 17 जुलाई को आए थे अमित शाह जी आए थे गृहमंत्री जयपुर में तब मैंने ट्वीट किया था। कि भाई क्या कारण है कि जो कैन्हयालाल का मर्डर हुआ लगभग 3 साल 3 साल और 3 साल में अभी तक भी एन आई ए कुछ नहीं कर पाया हमारे वक्त में 2 घंटे में हमने 2 या 3 घंटे में मुलजिम पकड़ लिए हमने पैकेज दे दिया उनके घर पे दो नौकरी दे दी 51,00,000 दे दिए उनको मुआवजा, ये पहला इतिहास में आजादी के बाद में पहली बार इतना बड़ा मुआवजा किसी को मिला था। और क्या कारण है कि NIA केस को आगे नहीं बढ़ा पा रही है और मैंने दावा किया है कि शायद अगर हमारे पास केस होता तो छह महीने आठ महीने में फैसला हो जाता या तो आजीवन सजा होती या फांसी की सजा होती इतना संगीन केस में

हिंदू मुस्लिम होता है तो मैं नहीं देखता हूँ। मैं देखता हूँ कि किसने हिंसा की है, किसने मर्डर किया है। मेरे लिए मानवता इंसान में ज्यादा मुद्दा रहता है। ये बीजेपी आरएसएस वाले पहले जात धर्म देखकर कार्यवाही करते है और मैं मांग लगातार कर रहा हूँ। दो मुसलमान लोग थे जो बी जे पी कार्यकर्ता है और मैं बताना चाहूंगा आपको ये जो है बीजेपी के कार्यकर्ताओं के ये बी जे पी कार्यकर्ताओं की फोटो है जो ये कटारिया साहब खड़े हैं और ये मुख्य आरोपी हैं, मुख्य आरोपी है, ठीक है, मुख्य आरोपी है और कटारिया साहब खड़े है, अच्छा जॉइनिंग कर रहे है। वो जॉइनिंग वाली फोटो भी है और इस्तकबाल कह रहे है। ये बाद हज जाके आया होंगे करके आया होंगे।उसका रियाज नाम है उसका मुख्य आरोपी का। वो भी इसके अंदर बता रहे तो कहने का मतलब ये फोटो होना ही अलग बात है। फोटो तो कई बार क्रिमिनल आकर खड़ा हो जाता है कही पे भी मैं उसकी खाली फोटो पे नहीं जा रहा हूँ मैं।गुलाब कटारिया जी के साथ फोटो होना सबकुछ नही है। पर जब उनको कोई केस में अरेस्ट किया गया तो छुड़वाने वाले भी बीजेपी के लोग ही थे। फ़ोन करके थाने के अंदर की भाई हमारे कार्यकर्ता को छोड़िये आप केस मत बनाओ तो तमाम तरह थे जॉइनिंग, फोटो, या छुडवाया थाने से तमाम सबको मालूम है की कार्यकर्ता है बीजेपी के मुख्य आरोपी वही था तो उसकी बात बताइए आप अब 3 साल हो गए, कुछ नहीं हो रहा है कल मैं उनके जाके घरवालों से मिला वो कहने की साहब की।हम कुछ समझ नहीं पा रहे हैं कि आज तीन साल होने को आये है हमें न्याय कब मिलेगा?, न्याय कब मिलेगा?

बच्चे ने कहा साहब कि मेरे बयान टुकड़े में हुए हैं। दो तीन बार वो बयान पूरे नहीं हुए 166 लोगों के बयान होने थे 15-2O लोगों के बयां हुए है अब तक और तीसरी बात उन्होंने कही जो एक मुख्य गवाह था जीसको ब्रेन हेमरेज भी हो गया था बाद में वो घबरा गया था की पता नहीं मेरा क्या होगा मुझे अभी याद है। और मैं भूल गया कि मैंने डॉक्टर की टीम भेजी थी उन्होंने याद दिलाया कल की साब आपने डॉक्टर की टीम भेजी थी, बचाने के लिए उसको जयपुर से और बच गया वो बयान देने की स्थिति में है। बयान लेने वाला भी कोई हो बयान देने की स्थिति में है फिर भी बयान कोइ नही ले रहा है और सबसे बड़ी बात पत्नी ने कहा साहब कई लोगों ने हमें एप्रोच किया तो आप कह दो तो 5,00,000 ही मिले हमें तो मैंने कहा की भाई कैसे कह दे हमें कम हमें 51 लाख मिले हैं, हम 5,00,000 कैसे कर देंगे?

कल मैंने मीडिया को कहा उदयपुर में हमारे हार का एक कारण ये भी था। अगर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पूरी बीजेपी बोले हिंदू कैन्हयालाल परिवार को ₹5,00,000 तो मुसलमान एक था, मोबलीचिंग हुई थी उसको ₹50,00,000 मिले। लोगों के जेहन में बैठ गयी ये बात की ये सच बोल रहे है।

प्राइम मिनिस्टर और गृह मंत्री
हिंदू को दिए 5,00,000 जो उसका कत्ल कर दिया सिर काट दियातलवार से और दिया 50,00,000 मुसलमानों को दे दिया पैसा, बात फैल गई मुझे अच्छे अच्छे लोग मिले चुनाव के बाद में कि साहब ये अच्छी बात नहीं थी ना?

कौन समझा किसको की 50,00,000 की शुरुआत भी वहीं से करी थी। कहने का मतलब यही स्थिति है और आज 3 साल में NIA गृह मंत्रालय की एजेंसी है केस उसी रात पे ले लिया, हमसे, रात को ही केस ले लिया जिस दिन की घटना है। ये बहुत कम होता है, हमने दे दिया इसलिए दे तो देते है, देन ही पड़ता है पर इसलिए कोई हो सकता वो अंतरराष्ट्रीय एंगल हो केस के अंदर हम वो नहीं बोले भाई ठीक है, हम कोपरेट करेंगे आपको
आज तीन साल बाद भी कुछ नहीं हुआ तो प्रधानमंत्री जी आ रहे है। परसों 25 कोमैं ने कहा इससे अच्छा मौका कब आएगा? जब गृहमंत्री आए तो मैंने कहा मुझे उम्मीद थी कम से कम बोलेंगे की भाई हम इसको मैं चेक करवाऊंगा। NIA केस क्यों नहीं बढ़ा पा रही?

मतलब मैं ये तो कह सकते थे भाई मैं खुद पता करूँगा।यहाँ पर लापरवाही हुई आपकी खुद की हुई है नहीं हुई है, हम कुछ नहीं कहना चाहता आपको और एनआईए एक एजेंसीज आपकी है। आप जवाब दे सकते थे की भाई इसमें मैं मालूम करता हूँ कोई एक शब्द नहीं बोले जयपुर के अंदर वो।

अब प्रधानमंत्री जी हैं गृह मंत्री जी है दो ही है, नंबर टू और नंबर वॅन। अब नंबर वॅन को जब आए रहे वो तो मैंने कहा उनसे बात करते है उनको पहुंचाते ट्वीट कर देंगे, टेक्स्ट कर देंगे। ज़माना, पीएमओ वो सब देखता आज कल तो, तो वो क्या कहते है देखतेहै, कहते क्या है वो अलग बात है, करते क्या है मुझे वो देखना है?

न्याय तो मिले क्या बीती थी इस परिवार पर? और ये केस ऐसा है जो छतीस कौम हिंदू, मुस्लिम कोई हो, सिख, ईसाई हो, कोई हो।सब के जेहन में इतनी बड़ी घटना राजस्थान में हुई थी। कम से कम ऐसी घटनाओं पे तत्काल कार्रवाई हो, कड़ी कार्रवाई हो, सजा मिले तो फ्यूचर में कोई जरूरत तो नहीं करे और क्या होता है हो गयी घटना वो तो ये मेरा निवेदन था। मैंने कहा मैं आपको शेयर करूँ तो इसलिए मैंने कहा मैं आपको बुलाके बात करता हूँ।

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