Shri Ashok Gehlot
Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura
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SMS अस्पताल में मीडिया से वार्ता
दिनांक
02/10/2025
स्थान
जयपुर
SMS अस्पताल में मीडिया से वार्ता-
देखिए ये तो जो अभी मुझे ब्रीफ किया गया पेशेंट(रवीन्द्र) ने खुद ने किस प्रकार 20-22 लोगों ने को मिलके पीटा हैं और कितने जगह उसके चोट आयी है आपने देखा होगा टांके जगह जगह उसके नील पड़ गयी है तो ये ये डेमोक्रेसी कैसे रहेंगी यहाँ पर ?
अब इस प्रकार से विश्वविद्यालय के अंदर अब इस प्रकार की शस्त्र पूजा करेंगे लोग तो विरोध करना हमारा फर्ज बनता है विपक्ष के अंदर है तो पुलिस की मौजूदगी के अंदर जो पिटाई हुई है, पुलिस की मौजूदगी पिटाई हुई है।उनकी देख रेख में हुई है। ये कहना चाहिए और जिस प्रकार पुलिस ने खुद ने गाड़ी तोड़ी है मैंने खुद ने देखा वीडियो मैंने ट्विटर पे डाला उसको एक्स के अंदर किस प्रकार पुलिसवाले NSUI कार्यकर्ता की गाड़ीयों को तोड़ रहे हैं।और जो पिटाई करी है, क्यूंकि उनके पास डंडे होते हैं, RSS के पास डंडे होते हैं और जिस प्रकार की मुझे वर्णन किया गया है वो डंडे कोई स्पेशल लेके आये होंगे ऐसा लगता है मुझे और उसी प्रकार से पिटाई की गई है। उनको मालूम था कि विरोध करेंगे।और उसी रूप में पिटाई देख रेख में हुई है पुलिस की देखरेख में और मैंने खुद ने बात की। पुलिस कमिश्नर से उन्होंने खुद ने कहा कि हम इनको दिखवा रहे हैं और कल 24 घंटे होते हैं क्योंकि पहले पहले इनको पेश करना था।कल शाम तक पेश नहीं किया और 151 वाली धारा है। मैंने सुना है उस केस को तो खत्म कर दिया। नई धारा लगा दी है जो नॉन बेलेबल है तो क्या ये ऐसे दुश्मन है समाज के? असामाजिक तत्व है? इन्होंने क्या कसूर किया कि आप नान बेलेबल धाराएं RSS के दबाव में आके लगाए? आरएसएस के दबाव में पुलिस काम कर रही है। आरएसएस के दबाव में मार पिटाई हो रही है और ये एकदम चाल चरित्र चेहरा वाले लोग हैं।तो क्या आरएसएस बी जे पी का ये चाल चरित्र चेहरा है जो सबके सामने आ रहा है। क्या हो रहा है देश के अंदर वो चिंता अलग लगी हुई है और हमारे NSUI कार्यकर्ताओं की जो पिटाई करी गयी ये तो सबके सामने है, तो जीस प्रकार से गुंडागर्दी हो रही है।और पुलिस कमिश्नर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। लगता मुझे कि वोही दबाव में काम कर रहे हैं। वो अच्छे ऑफिसर माने जाते हैं। मिस्टर बीजू जॉर्ज अच्छे ऑफिसर में उनका नाम आता है, अच्छा होगा। दबाव में आके काम करने के बजाय वो खुद ही रिक्वेस्ट कर दे चीफ मिनिस्टर को। भाई मेरा बहुत हो गया पर अब मैं ये काम नहीं कर सकता। ये राजधानी है राजधानी में अगर इस प्रकार की गुंडागर्दी करेंगे आरएसएस वाले और पुलिस कमिश्नर हाथ खड़ा कर देगा। नीचे वाले एडिशनलएसपी के नाम आ रहे हैं जो वहां इंचार्ज है वो बेईमानी कर रहे हैं, उनकी देख रेख में गुंडागर्दी हो रही है। तमाम छात्र परेशान है। ये क्या हो रहा है?
तो मेरा मानना है कि ऐसी स्थिति बनेगी तो धीरे धीरे स्थितियां और बिगड़ती जाएगी और संभालना मुश्किल हो जाएगा। पता नहीं सरकार आज इनकी है। 3 साल के बाद में वापस सरकार कांग्रेस ही बनेगी। फिर ये भागते फिरेंगें। ये अधिकारी जो है पुलिस अधिकारी हैं आज तो गुंडागर्दी करवा रहे हैं। कल भागते फिरेंगे ये लोग
क्या समझ रखा है इन लोगों ने? तमाशा बना रखा है। इस प्रकार छात्रों की पिटाई करना, वो जो छात्र भर्ती है वो जो व्याख्यान कर रहा था मेरे सामने क्या पिटाई की उसकी वो कह रहा है मुझे लगा हो क्या रहा है मेरे साथ में, तो ये जो गुंडागर्दी की शुरुआत हुई है देश के अंदर वो उचित नही कहा जा सकता है, तो बाकी तो आप देख ही रहे हो क्या हो रहा है पूरे देश में क्या हो रहा है वो तुम्हें क्या बताऊँ बार बार मैं तो बोल ही रहा हूँ
अब आरएसएस को बता दिया प्रधानमंत्री मोदी जी ने राज़ भक्त है ये लोग और .. अरे 50 -55 साल तक तो उन्होंने तिरंगे झंडे को स्वीकार नहीं किया है। संविधान को इन्होंने माना नहीं कभी भी संविधान डॉक्टर अंबेडकर ने बनाया, मानने से इंकार कर दिया हो और प्रधानमंत्री मोदी जी कह रहे है ये तो जेल भी गए थे, एक भी बता दीजिए कौन जेल गया इनमे से?
फिर आप इस प्रकार से असत्य बोलेंगे। प्रधानमंत्री जी तो होगा क्या देश के अंदर? प्रधानमंत्री जी से लोग उम्मीद करते हैं कि वो उनके मुख से कभी भी असत्य नहीं निकल सकता बोलेंगे वो सच्ची बात बोलेंगे। वो बोल रहे हैं कि हमारे ये जो तथाकथित जो देशभक्त हैं आरएसएस वाले ये तो जेलों में बंद भी रहे थे। अरे मुखबरी करी इन लोगों ने उस जमाने में मुखबरी करी, अंग्रेजों का साथ दिया, ये दुनिया जानती है इस बात को दुनिया जानती है और इनकी तो हिम्मत देखिये मैं तो प्रधानमंत्री मोदी जी की हिम्मत को दाद दूंगा, जो इत्ता कहने की हिम्मत भी कर ले ये तो देशभक्त भी है।इन्होंने तो फ्रीडम मूवमेंट में भाग लिया और इन्होंने जेलों की हवा भी खाई थी। कमाल है, क्या हो रहा है देश के अंदर?
इलेक्शन कमिशन का क्या काम कर रहा है देख रहे हो आप लोग? ये जो चीन और रशिया में चुनाव होते है ना चुनाव आयोग वहाँ भी है। पर चुनाव एक तरफा एक पार्टी जीत के आती है वहाँ पर क्या हम उस दिशा में जा रहे है?
ये पूरे देशवासियों के लिए प्रदेशवासियों की चिंता का विषय होना चाहिए और नई पीढ़ी के लिए विशेष होना चाहिए। भविष्य उनका है।
फ्यूचर किनका है? नई पीढ़ी का है।
अगर ये हरकतें होगी ऐसे ही हम चुप रहेंगे तो आप देख लीजिए की आने वाले वक्त में हौसले बढ़ेंगे और पिटाई होगी, मारपीट होगी, गुंडागर्दी होगी खून खराबा होगा ये इनकी तो इनका विश्वास हिंसा में है। हमारा विश्वास अहिंसा में है। महात्मा गाँधी ने जो हमें सिखाया है, अहिंसा और शांति से बात करना उस रास्ते पर हम चलना चाहते है और ये सत्ता में होने के बावजूद भी सत्ता में ये लोग है घमंड इनको है, उल्टा होना चाहिए। सत्ता में जो है उनको वित् ह्यूमैनिटी नम्रता के साथ पेश आना चाहिए। विपक्षी विपक्षी पार्टी के साथ में भी उनको चाहिए विथ ह्यूमैनिटी बात करे जिससे कि लगे डेमोक्रेसी में है। अगर डेमोक्रेसी में विपक्षी पार्टी विरोध नहीं करेगी तो डेमोक्रेसी कहाँ रहेंगी?
वो विपक्षी पार्टी विरोध भी आलोचना जो है। उनको सहन नहीं कर पा रहे हैं फिर काहे की डेमोक्रेसी रहेंगी?
युवा पीढ़ी को मैं आह्वान करना चाहूंगा, सो चिंतन करें, मनन करें कौन सही है, कौन गलत? का फैसला करें तब जाके देश बचेगा, देश की डेमोक्रेसी बचेगी।
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