ITV मीडिया नेटवर्क से बातचीत
दिनांक
17/11/2025 |
स्थान
जयपुर
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राजस्थान में हुए अंता उपचुनाव में कांग्रेस की जीत, प्रधानमंत्री जी द्वारा कांग्रेस पार्टी पर दिए बयान एवं बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर ITV मीडिया नेटवर्क से बातचीत :
राजस्थान में अंता में हुए उप चुनाव में कांग्रेस की जीत को लेकर प्रश्न :
देखिए, राजस्थान की स्थिति बिल्कुल अलग है। आप वहां किसी से बात करोगे, पूरे प्रदेश के अंदर, किसी से भी, गांव के अंदर कहीं पर भी, एक ही बात मिलेगी, पिछली गवर्नमेंट के जो काम थे, सोशल सिक्योरिटी के थे, या हेल्थ के थे, एजुकेशन के थे, सब में हमने कीर्तिमान स्थापित किया और अब जो सरकार आई है उसने कई योजनाएं बंद कर दी हमारी या कमजोर कर दी, तो विजिबल लोगों को दिखता है भई ये क्या हो गया? विजिबल दिखता है लोगों को, और गवर्नेंस कुछ हो नहीं पा रही, लोगों में गुस्सा भी है नई गवर्नमेंट के प्रति। तमाम कारण ऐसे रहे जिसके कारण हम लोग वहां पंद्रह हजार से अधिक वोट से जीते हैं।
मीडिया द्वारा प्रधानमंत्री जी के कांग्रेस को लेकर दिए बयानों पर मेरा जवाब :
देखिए, बिल्कुल ही बकवास है, मोदी जी को कांग्रेस के बारे में यह बोलने का कोई हक नहीं है। मोदी जी को राइट ही नहीं है कि वह कांग्रेस की टूट के बारे में बात करें कि वहां दो टुकड़े हो जाएंगे या जो भी बोले वो, वो मैं उचित नहीं मानता। उनको अपना घर संभालना चाहिए। आज वो दो साल हो गए लगभग, बीजेपी का अध्यक्ष नहीं बना पाए, नड्डा साहब बैठे हुए हैं अभी, आरएसएस और बीजेपी पीछे पता नहीं क्या बात होती रहती है, डेढ़ दो साल से जो पार्टी अपना अध्यक्ष नहीं चुन पाए तो फूट उनमें है या फिर कांग्रेस में? अगर फूट उनमें है, तो वो अपना अध्यक्ष नहीं बना पा रहे हैं। हमारे यहां तो खड़गे साहब अध्यक्ष हैं यहां तो। तो बिल्कुल ही एक ऐसा उन्होंने एक कॉमेंट किया है जिसको कोई स्वीकार नहीं कर सकते हमारी पार्टी में।
हमारी पार्टी एकजुट है खड़गे साहब के नेतृत्व में, राहुल गांधी जी के नेतृत्व में और सोनिया जी का सम्मान सभी एकजुट होकर करते हैं हम लोग। तो हमारी पार्टी में कोई ऐसी स्थिति कभी बनी नहीं, न चर्चा हुई है। चर्चा मोदी जी ने ही प्रारंभ की है क्योंकि ध्यान भटकाने के लिए कि वह अपना अध्यक्ष नहीं बना पा रहे हैं। हमारा तो यह कहना है। राष्ट्रवादी और सब बातें, वो नामदारी उनके जुमले हैं, कोई दम नहीं है, मोदी जी ऐसे जुमले बोलते रहते हैं और उन जुमलों का मैं जवाब नहीं देना चाहता।
बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर पूछे गए प्रश्न का जवाब :
देखिए, बाकी तो कई कारण होंगे पर यह कारण तो स्पष्ट है कि राजस्थान में हमारी गवर्नमेंट थी तो हमारी 2022 की स्कीम थी बजट की, कि मोबाइल फोन देने हैं हम लोगों को, महिलाओं को, एक करोड़ पैंतीस लाख या बीस लाख महिलाओं को देने थे। चुनाव डिक्लेयर होते ही वो स्कीम बंद करवा दी, चुनाव आयोग ने नहीं बांट सके, चालीस लाख बांट पाए हम। लगभग एक करोड़ महिलाएं वंचित रह गई। पेंशन रोक दी गई। वैसे स्कीम थी हमारी करोड़ों के लिए, गरीबों के लिए, अन्नपूर्णा योजना रोक दी गई। हमने ऑब्जेक्शन भी नहीं किया, क्योंकि भई चुनाव आयोग का निर्देश है निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए, हमने साथ दिया।
यहां नंगा नाच हुआ है बिहार के अंदर, चुनाव चल रहे हैं। पोलिंग हो रही है फर्स्ट फेज की, सेकंड फेज चुनाव की पोलिंग आ रही है, उसके अंदर आप जो है, मतलब बताइए दस हजार रुपये किसे कहते हैं? वो बंट रहे हैं महिलाओं को, एक महिला के तो बात चलती है कि महिलाओं ने वोट दे दिया उनको, मैं कहना चाहूंगा खाली महिला ने नहीं दिए, महिला के लगभग पूरे परिवार ने वोट दिए उनको। दस हजार रुपये आ गए उनके परिवार के अंदर। पेंशन वहां मिलती थी बुजुर्गों को या अन्य लोगों को, चार सौ रुपये थी बीस साल से, अचानक कर दी, एक हजार एक सौ कर दी, ग्यारह सौ कर दी, वो पेंशन भी बंटती रही, चुनाव के पोलिंग एक दिन पहले तक बंटती रही, तो आप बताइए इसको क्या कहोगे? जो पैसा जो है और भी अनेकों बातें होंगी, पैसा खुले रूप में आप जो पैसा बंटता है, कहते सुनते हैं इलेक्शन के अंदर कैश बंटता है, आपने ऑफिशियली कैश डाल दिया उनके खाते में दस हजार रुपए डाल दिए, तो ये हरकतें जो हुई है न, यह भी एक कारण है वहां पर कि इस प्रकार के परिणाम आए।