Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

मीडिया से बातचीत

दिनांक
19/11/2025
स्थान
जयपुर


पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इन्दिरा गांधी जी की जयंती पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मीडिया से बातचीत:

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इन्दिरा गांधी जी की जयंती पर उन्हें याद करते हुए विचार व्यक्त किए :

आज जन्मदिवस है एक महान नेता जिनका नाम देश और दुनिया के अंदर इतिहास बन गया। जिस प्रकार उन्होंने देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए अपने प्राण त्याग दिए, शहीद हो गईं देश के लिए, उनको देश कभी भूल नहीं सकता। एक महान नेता थीं जिसने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए, भूगोल बदल दिया उपमहाद्वीप का और बांग्लादेश का निर्माण कर दिया।

एक ऐसा इतिहास जब 90,000 से अधिक सैनिकों को, कर्नल, जनरल को, सरेंडर करवा कर हिंदुस्तान में लाना, दुनिया के इतिहास में कभी ऐसा संभव नहीं हुआ, लगभग एक लाख लोगों को आप अरेस्ट करके सरेंडर करके ले आओ आप इंडिया में, वह भी एक अलग माहौल था। मुझे तो सौभाग्य मिला कि मैं उस वक्त में गया था बांग्लादेश बॉर्डर पर, वहां पर शरणार्थी एक करोड़ आ गए थे इंडिया में, तो उनकी सेवा करने का हमें भी अवसर मिला था बचपन में, इसलिए मैं तो ज्यादा भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ हूं।

इंदिरा जी ने जो काम किए, गरीब हटाओ की बात भी करी,, देश के गरीबों की मसीहा के रूप में पहचान बनाई।
वो आज हमारे बीच में नहीं है पर आज भी आवश्यकता है नई पीढ़ी को, जिनको यह जो सत्ता में बैठे हुए लोग हैं, जिनका कोई यकीन नहीं है लोकतंत्र में, यह जिस प्रकार से शासन कर रहे हैं, देश किस दिशा में जा रहा है, कोई नहीं जानता, ध्रुवीकरण करके जाति के नाम पर धर्म के नाम पर राजनीति करोगे, तो आप चुनाव जीत सकते हो, परंतु देश को एक और अखंड रखने के लिए आपकी भूमिका हमेशा क्वेश्चन मार्क रहेगी।

आपकी ड्यूटी है कि आप संविधान में जो लिखा हुआ है, संविधान की मूल भावना को साथ लेकर के फिर शासन करें, तो फिर कभी आप ध्रुवीकरण की बात नहीं कर सकते। इसलिए इस मौके पर हम लोग सब इकट्ठे हुए यहां पर। आज भी लोगों में जज्बा है उनके नाम के प्रति, हम सब संकल्प करेंगे कि आने वाले वक्त में इंदिरा जी व कांग्रेस की नीतियां, जो सिद्धांत हैं और कार्यक्रम हैं उसको हम लोग आगे बढ़ाएं, नई पीढ़ी तक पहुंचाएं। नई पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है, क्योंकि जिस प्रकार इतिहास को ये कमजोर करना चाहते हैं, तोड़ रहे हैं, मरोड़ रहे हैं बीजेपी वाले, यह खतरनाक खेल है। नई पीढ़ी को मालूम पड़ना चाहिए कि हमारा सुनहरा इतिहास जो फ्रीडम मूवमेंट में त्याग का, बलिदान का रहा था, उसको हम लोग आधार बना के देश की सेवा करने में संकल्प करें,यह हमारी भावना होनी चाहिए।

एसआईआर को लेकर जयपुर का एक वीडियो सामने आने के विषय पर मीडिया के प्रश्न का जवाब :

देखिए यह तो एक बहुत बड़ा इश्यू बना हुआ है, और सबसे ज्यादा इसमें निर्वाचन आयोग की गलती है।

अगर देश की तमाम पॉलिटिकल पार्टियों को बुलाकर बात करते कि हमारी मंशा यह है कि जो इलेक्टोरल लिस्ट बने वो बिल्कुल ट्रांसपेरेंट हो, उसमें कोई फर्जी नाम नहीं हो और असली नाम नहीं छूटे,अगर ये उनकी मंशा वास्तव में होती, तो फिर वो सबको विश्वास में लेते। जब राहुल गांधी जी ने कहा कि ये हमारे पास रिपोर्ट आई है, एक लाख दो सौ पचास वोट फर्जी जुड़ गए हैं, ये तब से शुरुआत हुई, राहुल गांधी जी ने इतनी मेहनत की है, दो तीन बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की, बताया कि किस प्रकार से यह फर्जी वोट जुड़ रहे हैं, असली वोट कट रहे हैं, तो चुनाव आयोग की ड्यूटी क्या थी? सिर्फ ये थी कि आप हमें लिस्ट दे दीजिए, हम इनकी जांच करवा लेंगे और कुछ नहीं करना था। जांच करने के बाद में पंद्रह दिन, महीने भर बाद बताते कि ये हमने जांच की है, इसमें ये बात आपने ठीक बोली है, इसमें हमने पता कर लिया, इसमें कोई गलती नहीं है। स्पष्ट रहता। उनकी नीयत शुरू से ही खराब है, वो बीजेपी और सरकार से मिलीभगत से जानबूझकर कंट्रोवर्सी पैदा कर रहे हैं। अब ऐसा माहौल बना दिया देश के अंदर कि चुनाव आयोग पर ही लोगों को संदेह होने लग गया है, तो बीएलए और बीएलओ जो काम कर रहे हैं इनको तकलीफ आ रही है, यह प्रॉब्लम पूरे मुल्क में रहेगी जहां जहां 12 राज्यों में एसआईआर हो रहा है। सब जगह से रिपोर्ट आ रही है, अब एक आत्महत्या हो गई , और सोशल मीडिया में आ रहा है बंगाल के 20 लोग मर गए, आप तीन की बात कर रहे हो, क्यों मरे? मुझे नहीं मालूम, मीडिया में जो आ रहा है कि बंगाल में बीस लोग मर चुके हैं। तो कहने का मतलब, यह स्थिति क्यों बनी देश के अंदर? यह चुनाव आयोग की बेवकूफी से बनी है, यह कहने में हमें संकोच नहीं होना चाहिए।

मीडिया द्वारा प्रश्न पूछने कि खास लोगों को टारगेट किया जा रहा है का जवाब :

जब पूरा हो जाए तो मालूम पड़ेगा ना। अभी तो डाउट यही है। जिस प्रकार उनका रवैया है, उससे लगता है कि इनकी नीयत ठीक नहीं है। सरकार से मिलीभगत से काम कर रहे हैं। चीफ इलेक्शन कमिश्नर का नेता प्रतिपक्ष के साथ में, विपक्ष के साथ में जो व्यवहार है,, उससे लगता है कि यह व्यवहार आज तक कभी देखा नहीं । आज तक इतिहास के अंदर, कोई अधिकारी हो, छोटा हो या बड़ा हो, कोई शिकायत होती है, वो जानकारी देता है। कलेक्टर भी क्यों नहीं है? मान लीजिए, कोई सरकारी अधिकारी है, कोई आयोग भी है, उसका काम क्या होता है? कोई एप्लीकेशन दी, फैसला उनको करना होता है। क्या तकलीफ दिए आपको? आप कहते हैं आप एफिडेविट दो। इस प्रकार क्वेश्चन खड़े कर दिए हैं।, ऐसा माहौल बन गया है देश के अंदर कि लोग घबराने लगे पता नहीं, हमारा नाम कट नहीं जाए। खबरें भी ऐसी मैंने पढ़ीं, लोग कह रहे हैं कहीं मेरा नाम कट नहीं जाए। अब यह पता नहीं भय का माहौल क्यों बनाया गया है। तो यह जो कुछ हो रहा है, अच्छा नहीं हो रहा है।

अंता में जीत और बिहार के नतीजों से जुड़े प्रश्न का जवाब :

देखिए राजस्थान का तो स्पष्ट है। आज आप राजस्थान के किसी गांव में चले जाएं ,आपको एक ही बात मिलेगी, पिछली गवर्नमेंट की जो योजनाएं थी, वो बहुत शानदार थी, लाभ मिल रहा था, आज सब वंचित हो रहे हैं। हमारी स्कीमों को या तो कमजोर कर दिया गया या बंद कर दिया गया। हमारी स्कीमों की चर्चा आज पूरे मुल्क के हर राज्य में हो रही है। आप जाइए बाहर, सुनिए, उनको मालूम है राजस्थान में क्या योजना चली थी, जिसमें विशेष रूप से पच्चीस लाख का बीमा जो था, स्वास्थ्य का,लोग उसको लेकर कमेंट करते हैं कि इतनी अच्छी योजना थी। बाकी भी जो योजनाएं थी, सबको कमजोर कर दिया, बंद कर दिया।

अब बात है बिहार की, बिहार में जो हालात बने हैं, जिस प्रकार से इन्होंने कैंपेन किया वहां पर,जिस प्रकार अचानक ही एसआईआर की, क्या जरूरत थी एक महीने पहले करने की? सुप्रीम कोर्ट आदेश दे रहा, आप उनकी परवाह ही नहीं कर रहे हो। आज एक केस एसआईआर का सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है, सुनवाई हो रही है और आपने बारह राज्यों में घोषणा कर दी। यह तमाम बातें इसीलिए संदेह पैदा करती है,क्योंकि व्यवहार अच्छा नहीं है, निष्पक्ष नहीं है और चुनाव जो हुए वहां पर धनबल के आधार पर हुए हैं। आप बताइए राजस्थान में जैसे ही चुनाव शुरू हुए थे ,मोबाइल फोन बांट रहे थे हम लोग महिलाओं को, एक करोड़ पच्चीस लाख महिलाओं को मोबाइल फोन बांटने की वो बजट 2022 की घोषणा थी , जब मैंने बजट पेश किया था जबकि चुनाव ,दिसंबर 2023 में थे। तीस-चालीस परसेंट मुश्किल से बांट पाए, उसको चुनाव घोषणा होते ही रोक दिया गया, इवन बुजुर्गों की, विधवाओं की, निशक्तजनों की जो पेंशन थी वो रोक दी गई, अन्नपूर्णा योजना रोक दी गई, सब कुछ रोक दिया गया और बिहार में उल्टा किया गया। बिहार में चुनाव चल रहे हैं, ऐसा कभी हुआ आज तक? चुनाव चल रहे हैं, कैंपेन चल रहा है, पोलिंग दिन आने वाला है, एक दिन पहले तक वहां पर पेंशन भी बंटती गई, जो पेंशन चार सौ रुपये थी वहां, उनको 1100 रुपए कर दी गई और वो पेंशन बंटती गई 1100 रुपए करने के बाद में, और भी वहां कई तरह की योजनाएं हैं, नाम मुझे पता नहीं, उन तमाम में जो पैसा गया है, ढाई-ढाई हज़ार रुपए गए है, पता नहीं क्या गया, वो तमाम पैसा, चुनाव चल रहा है और उनके खातों में जा रहा है। दस हज़ार रुपए महिलाओं को, दस हज़ार रुपए किसे कहते हैं? महिलाओं को। चुनाव कल है, वोटिंग। पोलिंग कल है, आज मेरे खाते में दस हजार आएंगे तो क्या होगा? इसका मतलब चुनाव में जो पैसा बंटता है कैश, आपने कैश की बजाय सरकारी पैसे को आपने उनके खातों में डाल दिया वोट लेने के लिए, ये आरोप लगा है। ये खतरनाक खेल नहीं तो क्या है? अगर हम देशवासी नहीं समझेंगे, पूरा मुल्क तकलीफ पाएगा।

कानून यह है कि इलेक्शन कमिशन को रोक लगानी चाहिए थी। राजस्थान में लगाई, लेकिन बिहार में क्यों नहीं लगाई? तो स्थिति ऐसी है कि पूरे मुल्क को, सबको सोचना पड़ेगा मतदाताओं को, कि हो क्या रहा हमारे साथ में? अन्याय है ये तो।
भाजपा प्रभारी की भाजपा की अंता में हार पर उनकी टिप्पणी पर पूछे सवाल का जवाब :

देखिए हरियाणा के चीफ मिनिस्टर ने ये बातें बोली थी, कि सब कुछ ठीक हो गया, सब जम गया हमारा मामला। अमित शाह जी यही भाषा बोलते हैं, ये आप जिनका नाम ले रहे हो, अग्रवाल साहब का वो भी ये भाषा बोल रहे हैं, ये इनका अहम, घमंड बोल रहा है, और ये लोग जो हैं इनको मालूम है चुनाव हम जीत सकते हैं फाउल खेल करके। इतना धन इकट्ठा कर लिया इन लोगों ने, आठ सौ ऑफिस इनके बन गए हैं देश के अंदर। तीन सौ ऑफिस बन गए आरएसएस के। फाइव स्टार होटल की तरह ऑफिस बनते हैं इनके, आप जाकर देखिए दिल्ली में वगैरह में। पैसा कहां से आ गया? लूट लिया इन लोगों ने। कितना भयंकर करंप्शन हो रहा है देश के अंदर, कोई सोच नहीं सकता, और ये चाल-चरित्र चाल उनका पूरा एक्सपोज हो गया देश के अंदर। इनके बारे में क्या बात करें? इलेक्टोरल बॉन्ड क्या थे? नोटिस जा रहा है सीबीआई का, इनकम टैक्स का, ईडी का, पचास करोड़ आ गए, सौ करोड़ आ गए, इलेक्ट्रल बॉन्ड भेजा उनके पास में और इनकम टैक्स का नोटिस या सीबीआई का या ईडी का नोटिस, वो ड्रॉप हो गया। एक खुला नंगा खेल खेल रहे हैं देश के अंदर। राहुल गांधी अकेला क्या करेगा? वो तो बोल सकता है नेता प्रतिपक्ष है तो, लेकिन पब्लिक को भी आगे आना पड़ेगा, सड़कों पर आना पड़ेगा, क्योंकि हम लोग नॉन वायलेंस वाले लोग हैं। ये लोग तो वॉयलेंस में विश्वास करते हैं, इनका विश्वास हिंसा में है, हमारा विश्वास अहिंसा में है। हमारा तरीका अलग है। न्यूज़ बनती है, हिंसा करो तो न्यूज़ बनती है, तरीका मीडिया वालों का भी है ना? यही है, हिंसा होगी तो न्यूज़ बनेगी, शांति से मीटिंग समाप्त हो जाएगी, न्यूज नहीं बनेगी। मीटिंग में कौन क्या बोल गया, बाल की खाल निकाल के न्यूज बनवाओगे तुम लोग।

बिहार में जीते कांग्रेस विधायकों को लेकर मीडिया के प्रश्न का जवाब :

ये खबर तो आप दे रहे हो, मुझे पता नहीं। मैंने कहा ना आपको, मुझे जानकारी नहीं है।

बिहार चुनाव के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता के बयान पर मीडिया के प्रश्न का जवाब :

देखिए इस बारे में मैं कोई कमेंट नहीं कर सकता, सब पार्टियों में हाई कमांड होता है, वो तय करता है। देखते हैं क्या होता है।

मीडिया द्वारा पूछने कि कांग्रेस आंदोलन करेगी पर जवाब :

अब देखिए हाईकमान ने फैसला किया परसों, कल-परसों मीटिंग हुई है, जो फैसला सुनाया आपको मिस्टर वेणुगोपाल ने, कि तय किया कि पहला वीक जो है दिसंबर में उसमें रामलीला मैदान में रैली होगी। इधर एक तारीख से तो पार्लियामेंट शुरू हो रही है और फर्स्ट वीक में रैली हो रही है। रैली एसआईआर को लेकर हो रही है। देखते हैं उसमें क्या फैसला करते हैं।
मीडिया द्वारा कहने कि कुछ की राय है कि चुनाव का बॉयकॉट होना चाहिए जब तक ईवीएम से हो रहे हैं पर मेरा जवाब :
रामलीला मैदान में रैली होने दीजिए। फैसले तो बिना सोचे समझे हो नहीं सकते। पहले मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते थे अब कांग्रेस मुक्त भारत की बात की बजाय कांग्रेस मुक्त विपक्ष की बात करने लग गए। ये खतरनाक खेल चल रहा है देश के अंदर, इसको आपको हमको समझना पड़ेगा और मैं मुख्यधारा के मीडिया से अपील करना चाहूंगा कि अब तो अपनी अंतरात्मा को पूछे कि देश में होगा क्या? डेमोक्रेसी कैसे बचेगी? बीजेपी से या सत्तापक्ष से, पीएमओ से जो खबरें आती हैं उनको लाइन दी जाती है पंचलाइन क्या बनेगी? कौन सी न्यूज आएगी? कौन सी न्यूज को आपको हाईलाइट करना है, कौन सी नहीं करनी है? सब फैसला पीएमओ करता है। मुझे कहते हुए कोई संकोच नहीं है और यह सब मीडिया वाले जानते हैं कि वास्तव में कहां से खबरें आ रही है। कृपया करके देश के हित में आप लोग आगे आओ वरना इतिहास आपको माफी नहीं करेगा। नमस्कार, जय हिंद।

Best viewed in 1024X768 screen settings with IE8 or Higher