Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष स्व.श्री परसराम मदेरणा जी की जयंती पर पीसीसी में मीडिया से बातचीत :

दिनांक
23/07/2025
स्थान
जयपुर


आजादी के बाद में जिस प्रकार की भूमिका अदा की गई, और शुरुआत कैसे हुई होगी जब हम गुलाम थे आजाद हुए उसके बाद में, स्थितियां और ढंग की थीं किसान जो है जमीन का मालिक भी नहीं था उस जमाने में जो नेता आगे आए थे चाहे वो कुम्भाराम आर्य हों चाहे वो नाथूराम मिर्धा हों चाहे वो परसराम मदेरणा जी हों दौलतराम सहारण जी हों, किसान वर्ग के लोग जो आगे आए थे न उनकी अलग भूमिका थी वैसे तो कई लोग आगे आए, मंत्रिमंडल बना मुख्यमंत्री बने, सब कुछ हुआ पर किसानों की आवाज को जो बल मिला वो उस वक्त में मिला था और मदेरणा साहब का तो, रेवेन्यू मिनिस्टर रहे राजस्थान के, पीएचईडी मिनिस्टर भी रहे, जहां जहां वो रहे विभाग में अमिट छाप छोड़ी असेंबली के अंदर भी असेंबली के बाहर भी। उनके रेवेन्यू मिनिस्टर रहते हुए हाउस के अंदर अलग माहौल हुआ करता था उनके टिप्स पर थे तमाम रेवेन्यू के क्या कायदे कानून हैं क्या नियम हैं, कानून क्या कहता है, वो एक अलग तरह की पर्सनेलिटी थे वो, अलग तरह की पर्सनेलिटी थी और हम तो जोधपुर से हैं वो जोधपुर से थे आप समझ सकते हो हमें तो बहुत कुछ सीखने को मिला उनसे। मुझे खुशी है कि वो अपनी जिंदगी में जीवनभर जो है सेवा करते रहे पार्टी की भी और किसानों की भी इसलिए आज जब हम लोग यहां आए हैं तब देखिए आप कितने लोग यहां पर आए हैं, ये इस बात का प्रतीक है कि उनके प्रति आज भी आस्था है उनके प्रति जो उस वक्त में उन्होंने कायम किया विश्वास, आज वो दुनिया में नहीं हैं वो तो सबको दुःख होता ही है पर उनकी जो प्रेरणा थी उनका जो संदेश था आज भी हम जैसे कई लोग जो हैं वो अपनाकर के चलते हैं, अपनाकर कर के चलते हैं, और वही सिलसिला चलता रहेगा आगे भी, आने वाली पीढ़ियों में भी, आज के युवाओं में भी, ऐसे लोगों से प्रेरणा लेते हैं संदेश लेते हैं और आगे बढ़ते हैं, जैसे मूर्ति किसी की लगती है, मूर्ति क्यों लगती है, शहीदों की लगती है महापुरुषों की लगती है, इसलिए लगती है कि नौजवान पीढ़ी देखे मूर्ति किसकी है इनका बैकग्राउंड क्या था , क्यों लगी, यही तो सिलसिला है देश के अंदर उसमें राजस्थान बहुत अग्रणी है, गांव गांव में आपको दिखेगा शहीदों की मूर्तियां, महापुरुषों की मूर्तियां।

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