Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से वार्ता

दिनांक
22/11/2025
स्थान
जयपुर


जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से वार्ता (17.11.2025) :

बिहार चुनाव के नतीजों एवं प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा कांग्रेस पार्टी पर की गई टिप्पणी पर मेरा रिएक्शन :
देखिए, चुनाव में हार जीत होती रहती है लोकतंत्र में। जिस प्रकार से हाईजैक किया गया चुनाव बिहार में, महिलाओं को दस हजार रुपये, चुनाव चल रहे हैं, बंट रहे हैं, चार सौ रुपये दिए उन्होंने पेंशन, ग्यारह सौ कर दी उसको, वो बंटते गए, पोलिंग दिन तक बंटते गए, ऐसा आज तक कभी हुआ नहीं है, राजस्थान में हमारे यहां पर स्कीमें थी दो साल पहले की, 2022 की स्कीम थी मोबाइल बांटने की, इमीडिएट बंद हो गई चुनाव शुरू होते ही, पेंशन बंटनी थी, वो बंद हो गई, अन्नपूर्णा योजना बंद हो गई, सब कुछ बंद हो गया।

वहां इलेक्शन कमिशन देखता रहा, कोई रोका ही नहीं उन्होंने। कई कारण होंगे उसमें एक कारण यह भी मुख्य रूप से है, एक महिला बिहार जैसे प्रदेश के अंदर दस हजार रुपए का मतलब खाली एक महिला का वोट नहीं है, पूरे परिवार के वोटों का असर पड़ा वहां पर, इस प्रकार की हरकतें हुईं वहां पर, और प्रधानमंत्री जी ऊपर से कहते हैं कि अभी कांग्रेस का सफाया हो गया है, इसलिए कांग्रेस पार्टी टूट जाएगी, कांग्रेस पार्टी तो सोनिया जी हो, चाहे खड़गे साहब हो चाहे राहुल गांधी हों, उनके नेतृत्व में पूरी तरह एकजुट है और जो चुनौतियां पेश की गई देश के सामने, एनडीए गवर्नमेंट द्वारा, ध्रुवीकरण भी कर दिया है, एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं, दबाव में ले लिया ज्यूडिशियरी को या इलेक्शन कमीशन को भी, इन सबका मुकाबला करने में हम लोग सक्षम हैं, चाहे सीनियर हों चाहे जूनियर हों, सब लोग मिलकर के मुकाबला करेंगे, पार्टी एकजुट रहेगी, हां, मोदी जी का बयान जो है बकवास है। उनकी खुद की पार्टी का अध्यक्ष नहीं बन पा रहा है, लगभग दो साल हो गए, वो तो बना नहीं पा रहे हैं तो फूट किसमें है, उनमें है या हमारी पार्टी में है? इसलिए ये जुमले बोलते रहते हैं मोदी जी और हम सुनते रहते हैं।

बिहार नतीजों के कारण को लेकर पूछे गए प्रश्न का उत्तर:

सभी लोग एक स्वर में आपको यह कहेंगे कि जिस प्रकार धनबल का प्रयोग हुआ है वहां पर, कोई सोच नहीं सकता, अब जो पैसा बंट रहा है वहां पर, कैश के अंदर भी, नई-नई कहानियां सामने आ रही हैं, ये महिलाओं का तो एक पॉइंट हुआ है जो उनके खाते में गए पैसे, बाकी जिस प्रकार से वहां कई योजनाएं चल रही थी, उन तमाम योजनाओं के माध्यम से जो पैसा बिखेरा गया है, वो चौंकाने वाले आंकड़े हैं।

अंता चुनाव में कांग्रेस की जीत को लेकर मीडिया के प्रश्न का उत्तर :

देखिए प्योरली अंता बाय इलेक्शन वर्तमान सरकार की फेलियर से जीता गया है, हमारी कांग्रेस सरकार ने योजनाएं चालू की उसकी चर्चा पूरे मुल्क में है, उसका बहुत बड़ा प्रभाव आज भी है। लोग पश्चाताप भी करते हैं कि सरकार चली गई और नई सरकार की गवर्नेंस सही नहीं है, कोई सुशासन नहीं है, एक ही काम किया,हमारी योजना को बंद कर दो या कमजोर कर दो, चाहे वो हेल्थ की चिरंजीवी योजना हो, अन्नपूर्णा योजना हो, पेंशन हो, स्कॉलरशिप हो, शिक्षा में, स्वास्थ्य में सब में इन्होंने इतना कमजोर कर दिया है कि लोगों में रिएक्शन है, सुनवाई होती नहीं है, ये जो सरकार पूरी तरह फेल हो गई है, उसके कारण से हम लोगों का पंद्रह हजार वोट से जीतना बड़ी बात है इस माहौल के अंदर हमारी कामयाबी हुई।

जोजरी नदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लिए गए संज्ञान के मुद्दे पर प्रश्न का जवाब :

तो क्या फैसला आया सुप्रीम कोर्ट का वो देख कर एग्जामिन करते हैं हम भी, फिर दबाव देंगे सरकार पर कि किस प्रकार से जनहित के अंदर फैसले करें।

राजस्थान में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति पर प्रश्न का जवाब :

मैंने कल ही कहा मेरे ख्याल से, पहले वाले मुख्य सचिव थे, वो राजस्थान में रहे थे करीब करीब, उनका अनुभव ज्यादा था अधिकारियों के साथ में, इंटरेक्शन ज्यादा था, तो वो सीएमओ को एडवाइस भी करते थे, उनको असिस्ट भी करते थे और काम कर रहे थे। नए वाले बहुत ही अच्छे इंसान हैं, जानता हूं इनको मैं,पर ये कोई पंद्रह-बीस साल से बाहर हैं, तो इनका एक लिंक नहीं है अधिकारियों के साथ में, तारतम्य नहीं है, तो ये जो भूमिका वो अदा करते थे मिस्टर पंत, वो शायद भूमिका अदा नहीं कर पाएं क्योंकि जब ऐसी स्थिति होती है तो सीएमओ के अंदर जो एक उनकी भूमिका थी, वैसी भूमिका निभाने में मैं समझता हूं इनकी वो भूमिका रहेगी भी नहीं, मेरे ख्याल से। प्रिंसिपल सेक्रेटरी- सीएम, जो सीएमओ में हैं अधिकारी हैं उनको ज्यादा जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। अब कैसी ले पाते हैं वो समय बताएगा कि अनुभव के अभाव में, पिछली बारी चीफ सेक्रेटरी के अनुभव के अभाव में ये क्या कर पाएंगे, ये वक्त बताएगा।

सांसद श्री राहुल कस्वां के ट्रैक्टर मार्च को रोक दिए जाने से जड़े प्रश्न का जवाब :

मुझे पता नहीं है जानकारी,तो मैं क्या कमेंट करूं, पर कोई काम जो लोकतांत्रिक तरीके से हो रहे हों उनमें सरकार को हस्तक्षेप नहीं करनी चाहिए, सरकार को जो धरना हो रहे हैं और प्रदर्शन हो रहे हैं, यात्रा निकलती है, विपक्ष वाले निकालेंगे, उनकी मांग क्या है, गहराई में जाना चाहिए सरकार को, हल करने का प्रयास करना चाहिए, रोकने के बजाए। पर इनका लोकतंत्र में यकीन तो है नहीं, ये तो कुछ भी कर सकते हैं।

राजस्थान में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों के अधीक्षकों के इस्तीफे से संबंधित प्रश्न का उत्तर :

मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं इतना कह सकता हूं कि सरकार की प्रायोरिटी जो हेल्थ होना चाहिए, क्योंकि बीमारी हर घर में आ सकती है और बहुत कॉस्टली इलाज होता है, तो हमारी स्कीम का इतना फायदा मिला गरीब को, गांव के लोगों को, सभी वर्गों को, क्योंकि हमारी स्कीम हिंदुस्तान में लोग समझ नहीं रहे हैं, एकमात्र स्कीम है राजस्थान की जो पूरे प्रदेशवासियों के लिए है, बाकी जो आपके प्रधानमंत्री जी की, योजना जो है न यह पाँच लाख वाली आयुष्मान भारत, वो भी सबके लिए नहीं है, रात दिन का फर्क है। एक तो पूरे प्रदेशवासियों को फायदा उठाएं, एक जहां प्रदेश में लागू है, वहां पर खाली SECC सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस था, उनका जो सर्वे डॉ.मनमोहन जी के वक्त में हुआ है था उन तक सीमित है वो, तो आधे लोगों को भी नहीं मिल रही है वो तो, पर लोग चुप हैं, समझ नहीं पा रहे हैं।

एक बीएलओ की आत्महत्या की खबर से जुड़े प्रश्न पर :

ये खबर आज मैंने पढ़ी है, बहुत दुखद घटना है, पता नहीं एक्चुअल में क्या हुआ होगा, मैं नहीं कह सकता, पर फिर मैं कहना चाहूंगा, इलेक्शन कमीशन दबाव में है, मिला हुआ है सरकार से और ये लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं, उनको चाहिए कि वो कृपा करके क्योंकि उनके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, तमाम पोलिंग पार्टियों को विश्वास में ले कर के, सलाह ले कर के, सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है सबजुडिस है तब भी शुरू कर दिया 12 राज्यों में, यही काम अगर सबको बुलाकर बात करते, सुझाव लेते, उसके बाद में आप शुरू करते, किसी का एतराज नहीं होता। कौन चाहेगा कि फर्जी वोटिंग जो है या फर्जी लिस्टों में नाम आए या सही नाम नहीं आए, कौन चाहेगा? हर पार्टी चाहेगी कि वोटर लिस्ट के अंदर कोई भी नाम छूटे नहीं, जो जेनुइन है, और कोई नाम कटे नहीं और फर्जी जुड़े नहीं। कौन नहीं चाहेगा? पर इन्होंने जो तरीका अपनाया न उसको लोग डाउट क्रिएट करते हैं इनके ऊपर।

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